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४४. चार गतियों की अपेक्षा लेश्याओं की स्थिति, ८८१-८८२ ४५. सलेश्य-अलेश्य जीवों की कायस्थिति, ८८२-८८३ ४६. सलेश्य-अलेश्य जीवों के अन्तरकाल का प्ररूपण,
८८३ ४७. सलेश्य-अलेश्य जीवों का अल्पबहुत्व, ८८३-८८४ ४८. सलेश्य-चार गतियों का अल्पबहुत्व, ८८४-८९१ ४९. सलेश्य द्वीपकुमारादि का अल्पबहुत्व, ८९१-८९२ ५०. सलेश्य जीव-चौबीसदंडकों में ऋद्धि का अल्पबहुत्व,
८९२-८९३ ५१. सलेश्य द्वीपकुमारादि की ऋद्धि का अल्पबहुत्व ८९३ ५२. लेश्याओं के स्थान, ५३. लेश्या के स्थानों में अल्पबहुत्व,
८९३-८९५ ५४. लेश्या अध्ययन का उपसंहार,
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८९३
८९८ ८९८ ८९८
१९. आरंभिकी आदि क्रियाओं का अल्पबहुत्व, ९१० २०. चौबीसदंडकों में दृष्टिजा आदि पाँच क्रियाएँ, ९१० २१. चौबीसदंडकों में नैसृष्टिकी आदि पाँच क्रियाएँ, ९१०-९११ २२. मनुष्यों में होने वाली प्रेय-प्रत्यया आदि पाँच क्रियाएँ,
९११ २३. जीव-चौबीसदंडकों में जीवादिकों की अपेक्षा
प्राणातिपातिकी आदि क्रियाओं का प्ररूपण, ९११-९१२ २४. ताड़फल गिराने वाले पुरुष की क्रियाओं का प्ररूपण,
९१२-९१३ २५. वृक्षमूलादि को गिराने वाले पुरुष की क्रियाओं का प्ररूपण,
९१३-९१४ २६. पुरुष को मारने वाले की क्रियाओं का प्ररूपण, ९१४ २७. धनुष प्रक्षेपक की क्रियाओं का प्ररूपण, ९१४-९१५ २८. मृगवधक की क्रियाओं का प्ररूपण, ९१५-९१६ २९. मृगवधक और उसके वधक की क्रियाओं का प्ररूपण,
९.१६-९१७ ३०. तृणदाहक की क्रियाओं का प्ररूपण,
९१७ ३१. तपे हुए लोहे को उलट-पुलट करने वाले पुरुष की क्रियाओं का प्ररूपण,
९१७-९१८ ३२. वर्षा की परीक्षा करने वाले पुरुष की क्रियाओं का प्ररूपण,
९१८ ३३. पुरुष अश्व हस्ति आदि को मारते हुए
अन्य जीवों के भी हनन का प्ररूपण, ९१८-९१९ ३४. मारते हुए पुरुष के वैर स्पर्शन का प्ररूपण, ९१९ ३५. अणगार के अर्श छेदक वैद्य और अणगार की अपेक्षा क्रिया का प्ररूपण,
९१९-९२० ३६. पृथ्वीकायिकादिकों के द्वारा श्वासोच्छ्वास
लेते-छोड़ते हुए की क्रियाओं का प्ररूपण, ९२०-९२१ ३७. वायुकाय के द्वारा वृक्षादि हिलाते-गिराते हुए की क्रियाओं का प्ररूपण,
९२१ ३८. जीव-चौबीसदंडकों में एक व अनेक जीव की अपेक्षा क्रियाओं का प्ररूपण,
९२१-९२३ ३९. जीव-चौबीसदंडकों में पाँच शरीरों की अपेक्षा क्रियाओं का प्ररूपण,
९२३-९२५ ४०. श्रेष्ठी और क्षत्रियादि को समान अप्रत्याख्यान क्रिया का प्ररूपण,
९२५ ४१. हाथी और कुंथुए के जीव को समान
अप्रत्याख्यान क्रिया का प्ररूपण, ४२. शरीर-इन्द्रिय और योगों के रचना काल में क्रियाओं का प्ररूपण,
९२६ ४३. जीव-चौबीसदंडकों में क्रियाओं द्वारा कर्मप्रकृतियों का बंध,
९२६-९२७
२७. क्रिया अध्ययन १. क्रिया अध्ययन का उपोद्घात,
८९८ २. क्रिया रुचि का स्वरूप, ३. जीवों में सक्रियत्व-अक्रियत्व का प्ररूपण, ४. एक प्रकार की क्रिया, ५. विविध अपेक्षाओं से क्रियाओं के भेद-प्रभेद, ८९८-९०२ ६. कायिकी आदि पाँच क्रियाएँ,
९०२ ७. चौबीसदंडकों में कायिकी आदि पाँच क्रियाएँ, ८. जीवों में कायिकी आदि क्रियाओं के स्पृष्टास्पृष्टभाव का प्ररूपण,
९०२-९०३ ९. जीव-चौबीसदंडकों में कायिकादि पाँच क्रियाओं का परस्पर सहभाव,
९०३-९०४ १०. चौबीसदंडकों में आयोजिका क्रियाओं का प्ररूपण,
९०४-९०५ ११. आरंभिकी आदि पाँच क्रियाएँ,
९०५ १२. आरंभिकी आदि क्रियाओं के स्वामित्व का प्ररूपण,
९०५ १३. चौबीसदंडकों में आरंभिकी आदि पाँच क्रियाएँ, ९०५ १४. पापस्थानों से विरत जीवों में आरंभिकी आदि क्रिया भेदों का प्ररूपण,
९०५-९०६ १५. चौबीसदंडकों में सम्यग्दृष्टियों के आरंभिकी आदि क्रियाओं का प्ररूपण,
९०६-९०७ १६. मिथ्यादृष्टि चौबीसदंडकों में आरंभिकी आदि क्रियाओं का प्ररूपण,
९०७ १७. जीव-चौबीसदंडकों में आरंभिकी आदि क्रियाओं की नियमा-भजना
९०७-९०८ १८. क्रेता-विक्रेताओं के आरंभिकी आदि क्रियाओं का प्ररूपण,
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