Book Title: Dravya Gun Paryayno Ras Dravyanuyog Paramarsh Part 05
Author(s): Yashovijay
Publisher: Shreyaskar Andheri Gujarati Jain Sangh
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પૃષ્ઠ
.१६४९
............ १६६०
વિષયમાર્ગદર્શિકા વિષય
___पृष्ठ ।
વિષય शाखा-११ : गुण-सामान्य
मायापपद्धतिजारनीष्टिमे.द्रव्यत्व..............१६५६ स्वभावनिरूपणम...................१६४७-१८४४
द्रव्यलक्ष : स्वामी वगैरेनी दृष्टिमा ........१६५६ द्रव्यत्वस्वरूपविमर्शः...........
१६५७ +सा२. (4 - ११) ................... .... १६४८
द्रव्यत्व तिस्१३५ नथी .........
१६५७ गुणनिरूपणम् .. ..............१६४९ गुण-पर्यायव्यवस्थाप्रकाशनम् ..........................
१६५८ शनि३५९प्रारंभ .........
Eiq२ संप्रदायमा गुस्१३५ .................. १६५८ समानतन्त्रसिद्धान्तप्रक्रियोपदर्शनम् ................. १६५०
श्वेतin२ संप्रायमते गु॥२१३५.................. १६५८ रानी व्याप्या ......
........... १६५०
द्रव्यत्वं गुणात्मकम् .. ................................१६५९ गुएरा द्रव्यप्राश...
१६५०
गुए४२ता पर्याय सूक्ष्म, द्रव्य स्थूल - भतविशेष .. १६५९ अस्तित्वं सत्त्वरूपम् ..............
१६५१
गुणस्योत्कर्षापकर्षभाक्त्वनियमाऽभावः गुराना ५४२ निक्षेप - श्वेतांबरमत .... १६५१
द्रव्यत्वने गु! मानवामा ला५ ............... मस्तिता पुरानो परियय............ १६५१
द्रव्यत्वमा गुरात्व निधि ......... .........१६६० भिन्नेषु एकत्वविमर्शः .............. ..............१६५२
द्रव्यत्व : श्रीवियन्द्रछना दृष्टिमे ............... १६६० मस्तित्व मध्यसंपा६४........................ १६५२
प्रमेयतानो परियय.......... .........१६६० અસ્તિત્વ : શ્રીદેવચન્દ્રજીની દૃષ્ટિએ ......१६५२ अस्तित्व अंगे मर्तृहरिभत .........
प्रमेयताया अनुगतत्वं न वा ? ................... १६६१
१६५२ વસ્તુત્વ’ ગુણની ઓળખાણ
प्रमेयता मारि मनातरित ? भीमांसा .... १६६१ .....१६५२
व्यवहार्यतावच्छेदकगौरवापादनम् .....................१६६२ सामान्य-विशेषात्मकत्वं वस्तुत्वम् .......
......१६५३ iशि तथा पू[ उपयोगना विषयनो वियार .... १६५३
प्रमेयत्व नहि, अमात्य अनुगत : नैयायिs ....... १६६२ અર્થપર્યાયગ્રાહક દર્શન, વચનપર્યાય
नैयायिमतमा गौरव........ .........१६६२ प्राशन.
.......१६५३
प्रमेयव्यवहारविमर्शः .............. अवग्रहेहयोः दर्शनत्वम् अपाय-धृत्योश्च
अमात्य अननुगत - पाभिरामशास्त्री ..........१६६३ ज्ञानत्वम् ...........
..............१६५४
प्रभाव नल, प्रमेयत्व अनुरात : *न .... iशि:-पूरा उपयोगनी वस्तुत्व द्वारा संगति .....१६५४ | सूक्ष्मतत्त्वम् आज्ञाग्राह्यम् ............. ......१६६४ १स्तुत्व हेवयन्द्रना हरिमे ................... १६५४ / प्रमेयत्व : वियन्द्रनी हष्टिों ..... १६६४ द्रव्यत्वव्यञ्जकविचारः ...........
.. १६५५ | अरुलधुता गुानु प्रतिपादन ..........१६६४ द्रव्यत्व गुर्नु प्रतिपाइन .......
गुरुलाधुत्व विशेष३५. शमगोयर ............१६६४ गु-पर्यायभां थिंयित् मे मान्य...............१६५५ | आज्ञाग्राह्यत्वविचारः .. द्रव्यत्वव्यं४ पर्यायाधारता .... ..........१६
अथित्य भाको प्रत्येत पांगो ................१६६५ द्रव्यत्यय टिभांथी गुरानो परिव........१६५५ अनन्त अरुलधुपर्यायनी विया२५॥ ............१६६५ पर्यायान् द्रवतीति द्रव्यम् .............................१६५६ | भस्तिय वर्गमा गुरुलधुपयायो ...........१६६५ अभ्युपगमवाथी द्रव्यत्व तिस्१३५............१६५६ | अगुरुलघुत्वस्य अर्थपर्यायता. ............१६६६
..... १६६३
...........१६६५
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