Book Title: Uttaradhyayan Sutram Part 01
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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उत्तराध्ययन सूत्रकी विषयानुक्रमणिका
विषय
१ मङ्गलाचरण
२ उपोद्घात
३ अध्ययनोंके नामनिर्देश
४ विनयका उपदेश
५ सयोग के पियमे दृष्टान्त
६ विनीत शिष्यादिका लक्षण ७ विनयके विपयमे गुणनिधि शिष्यका दृष्टान्त ८ अविनीत शिष्यका लक्षण और उस विषय मे बुद्धि शिष्यका दृष्टान्त
९ दृष्टान्त सहीत अविनीतका लक्षण और अविनीत शिष्यका दृष्टान्त
१० अविनीत प्रवृत्तिमे सूकरका दृष्टान्त श्वानआदि के से विनीतशिष्यका कर्तव्य
११ विनय का फल
१२ विनय पालन करने का उपाय १३ बालपार्श्वस्थादिकोंका ससर्गकी निंदना १४ हास्य क्रीडा की निंदा
१५ क्रोधवश होकर झूठ बोलना आदिका निषेध १६ शिष्यको प्रतिदिन गुरुके इङ्गित जाननेमे तत्पर रहना चाहिये
१७ शत्रुमर्दन राजाका दृष्टान्त
१८ मणिनाथ का दृष्टान्त
१९ अविनीत और विनोत शिष्यका आचरण २० चडरुद्राचार्य के शिष्यका दृष्टान्त २१ गुरु चित्तानुसारी शिष्यका दृष्टान्त
पृष्ठाङ्कः
१-५
६-८
९-१०
१०-१२
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२५-२८
२९
२९-३७
३७-४४
४५-५२
५५-५७
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