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[29] karixxxixixixixixixixixixixixixixixixixixxx क्र० विषय ४२. आचार्य, उपाध्याय एवं गणावच्छेदक पद के गरिमानुरूप विशेष विधान ४३. अनधीतश्रुत भिक्षुओं के संवास-विषयक विधि-निषेध ४४. एकाकी भिक्षु के लिए वास-विषयक विधि-निषेध ४५. शुक्रपात का प्रायश्चित्त ४६. अन्य गण से आगत सदोष साध्वी को गण में लेने का विधि-निषेध
सत्तमो उद्देसओ- सप्तम उद्देशक ४७. अन्य गण से आगत शबलाचार युक्त साध्वी को गण में लेने का विधि-निषेध ४८. संबंध-विच्छेद-विषयक विधि-निषेध ४९. प्रव्रज्यादि - विषयक विधि-निषेध ५०. दूरवर्ती गुरु आदि के निर्देश के संदर्भ में विधि-निषेध ५१. कलहोपशमन-विषयक विधि-निषेध ५२. निषिद्ध काल में साधु-साध्वियों के लिए स्वाध्याय विषयक विधि-निषेध ५३. साधु-साध्वियों के लिए स्वाध्याय-अस्वाध्याय काल में ।
स्वाध्याय-विषयक विधि-निषेध . ५४. दैहिक अस्वाध्यायावस्था में स्वाध्याय-विषयक विधि-निषेध ५५. साध्वी के लिए आचार्य-उपाध्याय पद-नियुक्ति-विषयक विधान ५६. मार्ग में मृत श्रमण के शरीर का परिष्ठापन तथा उपकरण-ग्रहण का विधान ५७. परिहरणीय शय्यातर-विषयक निरूपण ५८. आवास स्थान में ठहरने के संबंध में आज्ञा-विधि ५९. राज-परिवर्तन की दशा में अनुज्ञा-विषयक विधान
अट्ठमो उद्देसओ- अष्टम उद्देशक ६०. साधुओं द्वारा शयन-स्थान-चयन-विधि ६१. शय्यासंस्तारक - आनयन-विधि ६२. एकाकी स्थविर के उपकरण रखने तथा भिक्षार्थ जाने का विधिक्रम ६३. शय्यासंस्तारक-विषयक विधि-निषेध : पुन:अनुज्ञा ६४. शय्यासंस्तारक प्रतिग्रहण-विषयक विधान । ६५. मार्ग-पतित उपकरण के ग्राहित्व के संदर्भ में विधान ६६. अतिरिक्त प्रतिग्रह परिवहनादि-विषयक विधान
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