Book Title: Samkit Pravesh - Jain Siddhanto ki Sugam Vivechana
Author(s): Mangalvardhini Punit Jain
Publisher: Mangalvardhini Foundation
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________________ समकित-प्रवेश, भाग-1 21 राग-द्वेष का त्याग करेंगे, चिदानंद रस पान करेंगे, सब सुख दाता मेरा धामा अर्थ- मोक्ष की प्राप्ति के लिये हमको भेद-विज्ञान करना होगा यानि कि स्वयं को जानना होगा, स्वयं मे अपनापन करना होगा व स्वयं का ध्यान करना होगा यानि कि स्वयं मे लीन होना होगा। ऐसा भेद-विज्ञान करने से हमारे दुःखों के कारण मोह', राग-द्वेष खत्म हो जायेंगे एवं पूर्ण ज्ञान व पूर्ण आनंद (सुख) हमको प्राप्त होगा। क्योंकि मेरा आत्मा ही मेरे सुख का घर है। जो मैं स्वयं हूँ। जीव { / जीव पुद्गल धर्म अजीव अधर्म आकाश काल विश्व/लोक 1.false belief 2.attachment-malice