Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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अबोटी
अभंगनाथ करते समय धोती की जगह पहना जाने अभय-दे० प्रभ ।
वाला रेशम या ऊन का वस्त्र । अभयधाम-दे० अभधाम । अबोटी-(न.) १. वल्लभ सम्प्रदाय के अभयपद-दे० अभैपद ।
मन्दिर में श्री बाल कृष्ण का पुजारी। अभया--(ना०) १. हरे। २. दुर्गा । २. मन्दिरों में सेवा-पूजा का धन्धा करने अभयारण्य-दे० अभ्यारण । वाला व्यक्ति (प्रायः भोजक) । ३. अभर--(वि०) १. जो भरा न जा सके । किसी को स्पर्श नहीं किया हुआ स्नपित २. जो भरा हुआ न हो। खाली । ३. व्यक्ति।
जिसे भरने की आवश्यकता न हो । ४. अबोध-(वि०) अनजान । मूर्ख ।
भरा हुअा। पूर्ण । ५. सम्पन्न । ६. संतुष्ट । अबोल-(वि०) १. चुपचाप । शान्त । २. अभरण-(वि०) दीन । गरीब । बगैर कौल ।
अभर-भरण-दे० अभरण-भरण । अबोलणा--(न० ब० व०) १. वैमनस्य । अभरण-भरण-(वि०) १. निर्धन को मनमुटाव । २. शत्रुता ।
धनी बनाने वाला । २. सभी प्रकार की अबोलणो--(वि०) नहीं बोलने वाला। इच्छापूर्ति करने वाला। (न०) १. सर्व
मूक । (क्रि०) नहीं बोलना। (न०) १. शक्तिमान् । २. दीनानाथ । ईश्वर । मनमुटाव । २. शत्रुता ।
अभरंग-(न०) 'अरभंग' का विपर्यस्त शब्द अबोला--दे० अबोलणा।
दे० अरभंग । अबोलो--(क्रि० वि०) चुपचाप । बिना अभरां-भरण-दे० अभरण-भरण । . बोले हुए। (वि०) मौन । शान्त । अभरी-(वि०) १. बड़ा धनवान । खूब अभ-(न०) अाकाश ।
संपत्तिवाला । २. धन-धान्य से पूर्ण । अभक्त-(वि०) १. जो भक्त न हो । भक्ति वैभवशाली । ३. सफल जीवन । ४.
नहीं करने वाला । २. श्रद्धाहीन । सम्पन्न । ५. धनान्ध । ६. मिलावट अभक्ष-(वि०) नहीं खाने योग्य । अभक्ष्य। वाला । खोटा । ७. खाली। अभख-(वि०) १. अभक्ष्य । नहीं खाने अभरो-(वि०) १. खोटा । मिलावट योग्य । २. नहीं कहने योग्य ।
वाला २. खाली । ३. धनान्ध । अभगत--दे० अभक्त ।
अभरोसो-(न०) १. अविश्वास । २. अभड़ावणो-(क्रि०) स्पर्श करना या संदेह । ___ कराना। छुआना।
अभल-(वि०) बुरा । खराब । अभडीजणो-(क्रि०) १. स्पर्श होना । अभळाखा-दे० अबळखा ।
छूाजाना । ३. स्त्री का ऋतुमती होना। अभवी-(वि०) असंसारी । अभड़ीजियोड़ी-(वि०) रजस्वला। अभंग-(वि०) १. युद्ध से नहीं भागने अभड़ीजियोड़ो-(वि०) १. अस्पृश्य से वाला । २. हराया नहीं जा सकने वाला। जिसका स्पर्श हो गया हो। २. जिसे ३. अटल । ४..अखंड । अटूट। ५. वीर । अस्पृश्य-अशौच लगा हुअा हो ।
६. निडर । (न०) एक प्रकार का मराठी अभरण-(वि०) अपढ़ । ठोठ ।
छंद । प्रभनमो-दे० अभिनमो।
अभंगनाथ-(न०) युद्ध से नहीं भागने प्रभनवो-दे० अभिनमो।
वालों में प्रतिवलबान योद्धा । २. युद्ध
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