________________
Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
गोम्मटसारः।
१७
अर्थ-दूसरे प्रमादका जितना प्रमाण है उतनी जगहपर प्रथम प्रमादके पिण्डको रखकर, उसके ऊपर एक २ पिण्ड प्रति आगेके प्रमादमेंसे एक २ का निक्षेपण करना, और आगे भी सर्वत्र इसी प्रकार करना । भावार्थ-दूसरे कषाय प्रमादका प्रमाण चार है इसलिये चार जगह पर प्रथम विकथाप्रमादके पिण्डका स्थापन करके उसके ऊपर पिण्ड पिण्डके प्रति एक २ कषायका (१४४१) स्थापन करना । इनको परस्पर जोड़नेसे सोलह होते हैं । इन सोलहको प्रथम समझकर, इनसे आगेके इन्द्रिय प्रमादका प्रमाण पांच है इस लिये सोलहके पिण्डको पांच जगह रखकर पीछे प्रत्येक पिण्डपर क्रमसे एक २ इन्द्रियका स्थापन करना ( १६ १६ १६ १६ १६ ) इन सोलहको इन्द्रियप्रमादके प्रमाण पांचसे गुणा करने पर या पांच जगहपर रक्खे हुए सोलहको परस्पर जोड़नेसे प्रमादोंकी संख्या अस्सी निकलती है प्रथम प्रस्तारकी अपेक्षा अक्षपरिवर्तनको कहते हैं।
तदियक्खो अंतगदो आदिगदे संकमेदि विदियक्खो। दोण्णिवि गंतूणंतं आदिगदे संकमेदि पढमक्खो ॥ ३९ ॥
तृतीयाक्ष अन्तगत आदिगते संक्रामति द्वितीयाक्षः।
द्वावपि गत्वान्तमादिगते संक्रामति प्रथमाक्षः ॥ ३९ ॥ अर्थ-प्रमादका तृतीयस्थान अन्तको प्राप्त होकर जब फिरसे आदिस्थानको प्राप्त हो. जाय तब प्रमादका दूसरा स्थान भी बदलजाता है । इसी प्रकार जब दूसरा स्थान भी अन्तको प्राप्त होकर फिर आदि को प्राप्त होजाय तब तीसरा प्रमादका स्थान बदलता है। भावार्थ-तीसरा इन्द्रियस्थान जब स्पर्शनादिके क्रमसे क्रोध और प्रथम विकथापर घूमकर अन्तको प्राप्त होजाय तब दूसरे कषायस्थानमें क्रोधका स्थान छूटकर मानका स्थान होता है। इसी प्रकार क्रमसे जब कषायका स्थान भी पूर्ण होजाय तब विकथामें स्त्रीकथाका स्थान छूटकर राष्ट्रकथाका स्थान होता है । इसक्रमसे स्त्रीकथालापी क्रोधी स्पर्शनेन्द्रियवशंगतो निद्रालुः स्नेहवान् आदि अस्सी हू भङ्ग निकलते हैं । निद्रा और सेह इनका दूसरा भेद नहीं है इसलिये इनमें अक्षसंचार नहीं होता।
दूसरे प्रस्तारकी अपेक्षा अक्षसंचारको कहते हैं
पढमक्खो अंतगदो आदिगदे संकमेदि विदियक्खो। दोणिवि गंतूणंतं आदिगदे संकमेदि तदियक्खो ॥४०॥ प्रथमाक्ष अन्तगत आदिगते संक्रामति द्वितीयाक्षः।
द्वावपि गत्वान्तमादिगते संक्रामति तृतीयाक्षः ॥ ४० ॥ १ एक स्थानको छोड़कर दूसरे स्थानपर जानेको परिवर्तन कहते हैं।
गो. ३
For Private And Personal