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रायचन्द्रजैनशास्त्रमालायाम् ।
अनिवृत्तकरणके परिणामोंकी संख्या ४ है । एक समय में एक जीवके एकही परिणाम होता है इसलिये एक जीव अधःकरण के १६ समयों में १६ परिणामोंको ही धारण कर सकता है । अधःकरणके और अपूर्वकरण के परिणाम जो १६ और ८ से अधिक कहे हैं, वे नाना जीवोंकी अपेक्षासे कहे गये हैं। यहां इतना विशेष है कि अधःकरण के १६ समयों में से प्रथम समय में यदि कोई भी जीव अधःकरण मांडैगा तो उसके अधः करणके समस्त परिणामों में से पहले १६२ परिणामों में से कोई एक परिणाम होगा । अर्थात् तीन कालमें जब कभी चाहे जब चाहे जो अधःकरण मांड़ेगा तो उसके पहले समय में नम्बर १ से लगाकर नम्बर १६२ तक के परिणामोंमेंसे उसकी योग्यताके अनुसार कोई एक परिणाम होगा । इसही प्रकार किसी भी जीव के उसके अधःकरण मांडूने के दूसरे समय में नम्बर ४० से लगाकर नम्बर २०५ तक १६६ परिणामों में से कोई एक परिणाम होगा । इसही प्रकार तीसरे चौथे आदि समयों में भी क्रमसे नम्बर ८० से लगाकर २४९ तक १७० परिणामोंमें से कोई एक और १२१ से लगाकर २९४ तकके १७४ परिणामों में से कोई एक परिणाम होगा । इसीतरह आगे के समयों में होनेवाले परिणाम गोम्मटसारकी बड़ी टीकामें, या सुशीला उपन्यासमें दिये हुए यत्रद्वारा समझलेने चाहिये । अधः करणके अपुनरुक्त परिणाम केवल ९१२ हैं । और समस्त समयोंमें होनेवाले पुनरुक्त और अपुनरुक्त परिणामका जोड़ ३०७२ है । इस अधःकरण के परिणाम समान वृद्धिको लिये हुए हैं - अर्थात् पहले समय के परिणामसे द्वितीय समय के परिणाम जितने अधिक हैं उतने ही उतने द्वितीयादिक समयोंके परिणामोंसे तृतीयादिक समयोंके परिणाम अधिक हैं । इस समानवृद्धिको ही चय कहते हैं । इस दृष्टान्तमें चयका प्रमाण ४ है, स्थानका प्रमाण १६, और सर्वधनका प्रमाण ३०७२ है । प्रथमस्थानमें वृद्धिक अभाव है इसलिये अन्तिमस्थान में एक घटि पद ( स्थान ) प्रमाण चय वर्द्धित हैं । अतएव एक घाटि पदके आधेको चय और पदसे गुणाकरनेपर १५४४०१६ ४८० चयधनका प्रमाण होता है । भावार्थ प्रथम समय के समान समस्त समयों में परिणामोंको भिन्न समझकर वर्द्धित प्रमाणके जोडको चयधन वा उत्तरधन कहते हैं । सर्वधनमें से चयधनको घटाकर शेष में पदका भाग देने से प्रथम समयसम्बन्धी परिणाम पुंजका प्रमाण ० = १६२ होता है । इसमें क्रमसे एक २ चय जोड़नेपर द्वितीयादिक समयोंके परिणाम पुंजका प्रमाण होता है । एक घाट पदप्रमाण चय मिलानेसे अंतसमयसम्बन्धी परिणामपुंजका प्रमाण १६२+१५×४=२२२ होता है । एक समयमें अनेक परिणामोंकी सम्भावना है इसलिये एक समयमें अनेक जीव अनेक परिणामोंको ग्रहण करसकते हैं । अतएव एक समय में नाना जीवोंकी अपेक्षा से परिणामों में विसदृशता है । एकसमयमें अनेक जीव एक परिणामको ग्रहण कर सकते हैं इसलिये एक समयमें नानाजीवों की अपेक्षा से परिणामों में सदृशता है । भिन्नसमयों में अनेक जीव अनेक परिणामोंको ग्रहण कर सकते हैं इसलिये भिन्न समयों में नानाजीवों की
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