________________
फ्र ००००००रु
प्राण केन्द्र - [२]
नाक श्वास के भीतर जाने का मुख्य द्वार है । दोनों नथुनों से श्वास भीतर जाता है और बाहर आता है | श्वास प्रेक्षा में श्वास के भीतर जाने और बाहर आने को देखा जाता है।
प्राण केन्द्र नाक का अग्रभाग है या दोनों नथुने हैं अथवा श्वास का संधिस्थल है ? वास्तव में जो श्वास का संधिस्थल है वह प्राण केन्द्र है । नासाग्र शब्द के द्वारा उस पूरे प्रदेश का संबोध होता है। यह पूरा प्रदेश प्राण केन्द्र का प्रभाव क्षेत्र है। ध्यान का प्रयोग मूल केन्द्र और उसके प्रभाव क्षेत्रदोनों पर करना चाहिए।
१० अप्रैल
२०००
भीतर की ओर
११७
Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org