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प्रशक्त वंग दिन-रात के चौबीस घंटों का निरीक्षण करो, परीक्षण करो। कितने क्षणों तक लेश्या या भावधारा प्रशस्त रहती है और कितने क्षणों तक वह अप्रशस्त रहती है ?
निरीक्षण और परीक्षण अप्रशस्त से प्रशस्त की ओर ले जाने का हेतु बनता है।
भावधारा को प्रशस्त रखने में प्रशस्त रंग सहायक बनते हैं।
रंग दो प्रकार के होते हैं१. प्रकाश का रंग (Bright colour) २. अंधकार का रंग (Dark colour)
१६ मई २०००
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