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चित्त-(a) १. बुद्धि–व्यवसाय अथवा निर्णय करने वाला चित्त।
२. मति-मनन करने वाला चित्त।
३. चित्त-स्थूल शरीर के साथ काम करने वाली चेतना।
४. भाव—चित्त का कषाय के आवेश और अनावेश की स्थिति में होना। ____५. परिणाम-चित्त का नाना रूपों में परिणमन होता है।
ये चित्त की अवस्थाएं हैं। एक ही चित्त अवस्थाभेद और कार्यभेद से अनेक शब्दों द्वारा वाच्य होता है।
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२७ जुलाई २०००
(भीतर की ओर
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