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चित्तवृत्ति-(१) मनुष्य की चित्तवृत्ति सदा समान नहीं रहती। वह बदलती रहती है। एक दिन मनुष्य खिन्न और उदासीन होता है और दूसरे दिन वह प्रसन्नचित्त हो जाता है। ___ मनुष्य की चित्तवृत्ति का सम्बन्ध मस्तिष्क और शरीर दोनों से है। मस्तिष्क शरीर का संचालन करने वाला है। वह भाव की उत्पत्ति का केन्द्र है। विशुद्ध और अशुद्ध भाव की उत्पत्ति का कारण केवल मस्तिष्क में ही नहीं खोजना चाहिए। उसके लिए सूक्ष्म शरीर तक जाना जरूरी है।
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MAMIRamRAT
२६ जुलाई
२०००
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(भीतर की ओर
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