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तळ♠♠♠ठठ
वीर्य को प्रभावित करने वाले आन्तरिक
कारण
१. खट्टे पदार्थ
२. मिर्च-मसालेदार व तले पदार्थ
३. तम्बाकू
४. मादक द्रव्य
५. तेज और उष्ण प्रकृति की दवाओं का अतिसेवन
६. लम्बे समय तक कब्ज
७. तेज धूप में अतिश्रम
८. अध्यशन
६. दिन में सोना
१०. रात्रि में देर तक जागना
११. क्रोध, चिन्ता और तनाव
१२. कामुक विचार
१३. वात प्रकोप
१४. वात-पित्त का प्रकोप
१५. लम्बे समय तक शरीर में उष्णता । उससे त्वचा का रूक्ष और श्याम होना ।
१२ अगस्त
२०००
भीतर की ओर
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