________________
चैतन्यकेन्द्र प्रेक्षा-(२) अप्रमाद की प्रेक्षा करते समय सुझाव दे-जागरूकता का विकास हो रहा है।
ब्रह्मकेन्द्र की प्रेक्षा करते समय सुझाव दें मानसिक पविनता का विकास हो रहा है।
आनन्दकेन्द्र की प्रेक्षा करते समय सुझाव दे-आनन्द का विकास हो रहा है।
तैजसकेन्द्र की प्रेक्षा करते समय सुझाव दें-तैजस शक्ति का विकास हो रहा है।
स्वास्थ्यकेन्द्र की प्रेक्षा करते समय सुझाव दें-आत्मानुशासन का विकास हो रहा है।
शक्तिकेन्द्र की प्रेक्षा करते समय सुझाव दें-शक्ति का विकास हो रहा है। । प्रत्येक चैतन्यकेन्द्र पर श्वास के साथ नौ आवृत्तियां करें।
१६ अक्टूबर
२०००
भीतर की भोर)
Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org