________________
ठठठवत
व्याधि चिकित्सा- (१)
भावना अथवा स्व-सम्मोहन का प्रयोग व्याधि चिकित्सा के लिए अनेक विधियों से किया जाता है
१. पांच मिनिट दीर्घ श्वास और पांच मिनिट कायोत्सर्ग करें।
२. दीर्घ श्वास का प्रयोग करते हुए संकल्प : करें कि रक्त के साथ मेरे प्राण का प्रवाह रुग्ण स्थान की ओर जा रहा है। उसका मानसिक चित्र बनाएं और श्वास- संयम करें।
३. श्वास का रेचन करते समय यह भावना करें कि पीड़ा या रोग के कीटाणु बाहर निकल रहे हैं।
४. बाहर श्वास का संयम करें और यह भावना करें कि प्राण भीतर जाकर रुग्ण अवयव को स्वस्थ कर रहा है।
२८ नवम्बर
२०००
भीतर की ओर
३४६
Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org