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ਨਨਰਲ
प्राणशक्ति मानसिक विकास के लिए प्राणशक्ति का विकास जरूरी है। प्रत्येक प्रवृत्ति के साथ प्राणऊर्जा का व्यय होता है। भोजन के द्वारा उसकी पूर्ति की जा सकती है। विशेष प्रयोग द्वारा उसका संवर्धन किया जा सकता है।
प्राण के विकास का अभ्यास१. कायोत्सर्ग २. दीर्घश्वास पूरक के समय अनुप्रेक्षा करें
१. शरीर के रोम-रोम से प्राण का आकर्षण हो रहा है।
२. प्राणशक्ति का विकास हो रहा है। ३. शरीर स्वस्थ हो रहा है। ४. मन स्वस्थ हो रहा है। ५. आवेग शांत हो रहे हैं।
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०६ दिसम्बर
२०००
भीतर की ओर
३६०
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