Book Title: Bhitar ki Aur
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 365
________________ PremacAHIRA क unawananewmamarrimummarmammymanasamananewwararshan AAMANANABAR m amasa DMAAMIRMALAMAALIAMINAMAHANI कोशिका परिवर्तन हम अपने शरीर की प्रत्येक कोशिका में प्रवेश कर सकते हैं। भावना के अनुसार उन्हें प्रभावित कर सकते हैं। आवश्यकता है सजग रहने की। सर्वप्रथम हम कोशिका के प्रति जागरूक बनें। उसके साथ सम्पर्क स्थापित करें। भावना की ऊर्मियों का संप्रेषण करें। उसके साथ तादात्म्य स्थापित करें। जैसे एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के साथ बातचीत करें, वैसे ही कोशिकाओं के साथ बातचीत करे। उन्हें परिवर्तित होने का सुझाव दें। वे सुझाव की भाषा को समझ सकती हैं और निर्देश का पालन भी कर सकती हैं। ew-ween-Umman-n n mnianumaanaamana Animana १३ दिसम्बर २००० m (भीतर की ओर Humanasamamaeemummelan Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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