Book Title: Bhitar ki Aur
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 366
________________ - - - विद्युत प्रवाह मस्तिष्क में मस्तिष्क में विद्युत का प्रवाह समीचीन होता है तब वह सम्यक् प्रकार से काम करता है। उसमें अवरोध पैदा होने पर मस्तिष्कीय गतिविधि अस्त-व्यस्त हो जाती है। कभी-कभी मूछी और मिर्गी जैसी व्याधि भी पैदा हो जाती है। इस समस्या को सुलझाने के लिए विद्युत प्रवाह का सम्यवकरण आवश्यक है। सम्यक्करण के लिए 'ॐ' का जप बहुत उपयोगी है। मस्तिष्क पर ध्यान केन्द्रित करें। 'ॐ' का एक हजार बार जप करें। यदि श्वास के साथ कर सकें तो और अधिक लाभ हो सकता है। १४ दिसम्बर २००० भीतर की ओर Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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