Book Title: Bhitar ki Aur
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 379
________________ w w -- w wwwwwwwwww - ध्वनि चिकित्सा ध्वनि के प्रकम्पन शरीर और वातावरण दोनों को प्रभावित करते हैं। प्रत्येक वर्ण के प्रकम्पन पृथक् होते हैं और उनका प्रभाव क्षेत्र भी पृथक्पृथक् होता है। उदाहरणस्वरूपबीजमंत्र प्रभावक्षेत्र कण्ठ, स्वरयन्न, दमा, खांसी हृदय, गला, तालू, नाक, आंत यकृत, तिल्ली MAMMANDAmameanine ss 9 * * - गुर्दा -- IPA M ra उपस्थ फुफ्फुस, गला २७ दिसम्बर २००० - - (115 भीतर की ओर Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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