Book Title: Bhitar ki Aur
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

Previous | Next

Page 356
________________ - wwwmarweara wenawaanaaaaaaaaa a aaaaaa aaaaaaaaANAMAHAKAMARIKAAMALAHAMARINARUDAama सम्यक् निद्रा जो व्यक्ति नियत समय पर सोता है, नियत समय पर जाग जाता है, उसके सम्यक् निद्रा होती है। नींद ओर स्वप्न का एक विचिन योग है। अनेक लोगों की नींद स्वप्निल होती है। अच्छे, बुरे तथा यथार्थ और अयथार्थ स्वप्न आते रहते हैं। वे सपने नींद को मिथ्या नींद बना देते हैं इसलिए सोने से पहले उनका उपचार करना चाहिए। उपचार--- १. नाड़ीशोधन प्राणायाम की तीन आवृत्ति करके सोने पर सपने की समस्या सुलज्ञ सकती है। २. सोने से पहले १० मिनिट तक अपने इष्ट मंत्र का जप करना चाहिए। ३. कायोत्सर्ग का प्रयोग भी सम्यक् निद्रा में सहयोगी बनता है। . ०४ दिसम्बर २००० ( भीतर की ओर __ (भीतर की ओर Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386