________________
काफी
विचार शमन का प्रयोग-(४)
१. वायु का सुषुम्ना में प्रवेश-वायु ईसा और पिंगला के मार्ग से हटकर जितना सुषुम्ना में प्रविष्ट होता है, उतना ही विकल्प का शमन होता है। सुषुम्ना में प्रवेश किए बिना वायु और मन की ऊर्ध्वगति नहीं हो सकती। ऊर्ध्वगति के बिना विकार को त्याग कर चित्त साम्यभाव में नहीं पहुंच सकता।
२. श्वास-संयम ३. श्वास-दर्शन ४. नाटक (अनिमेष ध्यान) ५. अक्रिया
२२ अक्टूबर
२०००
भीतर की ओर)
३१२
-
Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org