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LARAM
संयम कायोत्सर्ग। जीभ को तालु में लगाओ। ध्यान नासाय अथवा भ्रूमध्य पर केन्द्रित करो। मूलबंध और ओम् का मानसिक जप करो। श्वास का रेचन करो और श्वास का पूरक कर उसे नासाव्य पर स्थापित करो। इस प्रकार के अभ्यास से वाणी और मन की एकता सिद्ध होगी।
२१ नवम्बर
२०००
भीतर की ओर)
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