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संकल्प-पुष्टि संकल्प सफलता का असाधारण हेतु है। संकल्प सिद्ध होने पर ही सफलता का हेतु बनता है। वह असिद्ध होने पर सफलता का हेतु नहीं बनता।
संकल्प को सिद्ध करने की अभ्यास विधि इस प्रकार है
संकल्प की भाषा का निर्धारण करें, कायोत्सर्ग की मुद्रा में बैठे। तीन बार बोलकर संकल्प दोहराएं। फिर मानसिक रूप में तीन बार दोहराएं। उसके बाद श्वास का संयम करें। पुनः श्वास लें, श्वास-संयम करें। तीन बार पूरक व तीन बार श्वास का संयम। दस मिनिट तक यह प्रयोग चलता रहे। श्वास-संयम के समय शब्द छूट जाते हैं। उस क्षण में संकल्प आत्मगत होकर पुष्ट बन जाता है।
०६ नवम्बर
२०००
-(भीतर की भोर
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