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कठठठवल
चैतन्यकेन्द्र प्रेक्षा- [१]
चैतन्यकेन्द्र प्रेक्षा के साथ सुझाव देना विकास व परिवर्तन के लिए बहुत आवश्यक है। ज्ञानकेन्द्र की प्रेक्षा करते समय सुझाव दें- -ज्ञान का विकास हो रहा है ।
शान्तिकेन्द्र की प्रेक्षा करते समय सुझाव दें—भावशुद्धि का विकास हो रहा है।
ज्योतिकेन्द्र की प्रेक्षा करते समय सुझाव दें क्रोध उपशान्त हो रहा है ।
दर्शनकेन्द्र की प्रेक्षा करते समय सुझाव दें-अन्तर्दृष्टि का विकास हो रहा है।
प्राणकेन्द्र की प्रेक्षा करते समय सुझाव दें――― इन्द्रिय-संयम का विकास हो रहा है।
चाक्षुषकेन्द्र की प्रेक्षा करते समय सुझाव दें— एकाग्रता का विकास हो रहा है ।
प्रत्येक चैतन्य- केन्द्र पर श्वास के साथ नौ आवृत्तियां करें।
१५ अक्टूबर
२०००
भीतर की ओर
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