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मौन
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संवर की भूमिका के फलित
कायिक संवर-एक घंटा तक आसन अथवा कायोत्सर्ग में पूर्ण स्थिरता ।
वाचिक संवर - कण्ठ का कायोत्सर्ग, पूर्ण
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ਕਰਨਲ ਰਲ
मानसिक संवर—-निर्विकल्प अथवा निर्विचार अवस्था । मन से परे जाने की अवस्था ।
इन सबकी सिद्धि के लिए दीर्घकालिक अभ्यास जरूरी है, इसलिए निर्दिष्ट अवधि का अभ्यास करें।
३० सितम्बर
२०००
भीतर की ओर
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