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पीड़ा और संवेदना पीड़ा मस्तिष्क के एक विशिष्ट कक्ष द्वारा अनुभव की जाती है।
१. एक स्थिति यह है कि मनुष्य के पीड़ा होती है, उसे वह सहन नहीं कर सकता।
२. दूसरी स्थिति यह है कि मनुष्य के पीड़ा होती है, उसे वह सहन कर लेता है।
३. तीसरी स्थिति यह है कि मनुष्य पीड़ा का अनुभव ही न करे।
पीड़ा की संवेदना को मस्तिष्क के विशिष्ट कक्ष तक पहुंचने से रोका जा सकता है। इसके लिए दीर्घकालीन अभ्यास आवश्यक है।
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०३ सितम्बर
२०००
(भीतर की ओर
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