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उच्चारण का मूल्य-[१) संस्कृत में ‘नमो' और प्राकृत में ‘णमो' दोनों शब्द नमस्कार के लिए प्रयुक्त किये जाते हैं। किन्तु 'न' और 'ण' के उच्चारण की प्रतिक्रिया भिन्न होती है।
जीभ कण (liegative) विद्युत प्रधान है और मस्तिष्क धन (Positive) विद्युत का केन्द्र है। तालु मस्तिष्क की निचली परत है। ____ 'ण' का बार-बार लयबद्ध उच्चारण करने पर जीभ का तालु से घर्षण होता है। यह ऋण और धन विद्युत का संगम स्थल है। इससे दर्शनकेन्द्र का जागरण होता है। पिट्युटरी और पाइनिअल ग्रन्थियां प्रभावित होती हैं।
१६ जून २०००
मितिर की ओर
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