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ठठठठठठ
कवचं वचना
निम्न विचारों से अथवा निम्न वृत्ति वालों की संगति से बचने के लिए तालयुक्त श्वास लो। मानसिक कल्पना के द्वारा अपने चारों ओर विचार का अंडाकार घेरा बनाओ। यह कवच है।
एक मान्त्रिक मंत्र-साधना के समय कवच का निर्माण करता है। यदि वह सुरक्षा कवच का निर्माण न करे तो साधना में विघ्न उपस्थित हो सकता है। एक साधक को भी अपनी पवित्रता बनाए रखने के लिए कवच का निर्माण अवश्य करना चाहिए।
___१५ जून
१५ जून २०००
-भीतर की ओर )ोर
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