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तत्त्व और हमारा शरीर
चैतन्यकेन्द्रों में तत्त्वों का स्थान बतलाया गया है । समग्र शरीर की दृष्टि से विचार करें तो तत्त्व के स्थान के बारे में नई दृष्टि मिलती है।
स्थान
पैर से घुटने तक
घुटने से रीढ़ की हड्डी के निचले सिरे तक
रीढ़ की हड्डी के निचले सिरे से हृदय तक
तत्त्व
पृथ्वी
जल
अग्नि
वायु
आकाश
हृदय से भ्रूमध्य तक
भ्रूमध्य से मूर्धा तक
तत्त्व - साधना की दृष्टि से इसका भी बहुत महत्त्व है ।
०५ जुलाई
२०००
भीतर की ओर
२०३
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