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तत्त्व और बीजमंत्र तत्त्व की साधना के लिए बीजाक्षरों का विधान किया गया है। तत्त्व बीजमन्न परिणाम पृथ्वी लं देहलाभ जल वं भूख, प्यास आदि की
सहिष्णुता अग्नि
आतप को सहन करने की
क्षमता वायु यं लाघव आकाश
अतीन्द्रिय ज्ञान और ऐश्वर्य
०७ जुलाई २०००
___(भीतन की ओर)
भीतर की भोर)
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