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अजपाजप
हठयोग में अजपाजप का बहुत महत्त्व रहा है। उसके लिए 'सोऽहं' का प्रयोग किया जाता है। यह श्वास की ध्वनि का प्रतीक है। श्वास लेते समय 'सकार' और श्वास के रेचन के समय 'हं' की ध्वनि का अनुभव होता है।
अजपाजप के लिए १. सोऽहं २. हंसः ३. ॐ ४. अहम् ५. हुं का प्रयोग किया जाता है।
हुँ' कूर्मनाड़ी का बीज है। वह महाध्वनि है। उसके अजपाजप तक पहुंच जाने पर विकार विसर्जित हो जाते हैं।
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_१३ जून
२०००
(भीतर की ओर
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