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भाव
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भाव के चार प्रकार बतलाए गए हैं१. कर्दम उदक के समान २. खञ्जन उदक के समान ३. बालुका उदक के समान ४. शैल उदक के समान
प्रथम प्रकार का भाव मलिनतर, दूसरे प्रकार का भाव मलिन, तीसरे प्रकार का भाव निर्मल और चौथे प्रकार का भाव निर्मलतर होता है।
प्रथम प्रकार के भाव में अनुप्रविष्ट जीव मरकर नरक में पैदा होता है।
दूसरे प्रकार के भाव में अनुप्रविष्ट जीव मरकर तिर्यञ्च में पैदा होता है।
तीसरे प्रकार के भाव में अनुप्रविष्ट जीव मरकर मनुष्य बनता है।
चौथे प्रकार के भाव में अनुप्रविष्ट जीव मरकर देव बनता है।
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१० मई २०००
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