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प्राण केन्द्र - (१)
योग के प्राचीन साहित्य में नासाग्र पर ध्यान करने का बार-बार उल्लेख मिलता है। यह प्राण का मुख्य केन्द्र है। इस पर जैसे ही मन को टिकाने का अभ्यास किया जाता है वैसे ही मूलबंध हो जाता है और मूल नाड़ी तन जाती है।
प्राण नियन्त्रण के लिए इस पर ध्यान करना बहुत महत्त्वपूर्ण है। चंचल मन वाले व्यक्ति इस पर ध्यान करके एकाग्रता को बढ़ा सकते हैं। निर्विकल्प और निर्विचार ध्यान की साधना के लिए प्राणकेन्द्र बहुत ही उपयोगी है।
०६ अप्रैल
२०००
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