________________
( २४ ) विषय सूची:
प्रथम खण्ड पुण्य-पापकी व्याख्या १-६१
पृष्टांक
१ सृष्टिकी उत्पत्तिका निमित्त व त्रिविध प्रल्यनिरूपण १ २ द्विविध भोग, उनका निमित्त तथा जीवनका लक्ष्य ३ धर्मका निर्णय और त्रिविध बुद्धिके लक्षण ४ पुण्य-पापका निर्णय ५ पुण्य व पापके हेतु राग व द्वषपर विचार ६ रागसे पुण्य व द्वे पसे पापमें रहस्य । ७ जीव-विकासवाद-निरूपण ... ...१८ ८ मनुष्य योनिमें पुण्य-पापका बन्धन क्योंकर हुआ ? २४ ६ मनुष्य योनिमें किस-किस अवस्थामे कमेका वन्धन नहीं रहता?
. २६ १. मनुष्येतर योनियोंमें पुण्य-पापका असम्भव और
मनुष्य योनिमें जीवका कर्तव्य ११ प्रकृतिका अटल नियम ' .
...३३ १२ प्रकृतिका अन्य अटल नियम ..
...४० १३ प्रवृत्ति व निवृत्तिभेद तथा प्रवृत्तिमार्गकी पॉच श्रोणियाँ ४३ १. प्रथम श्रेणी, उद्भिज-मनुष्य अर्थात् पेटपालु २५ द्वितीय श्रेणी, कीट-मनुष्य अथोत् कुटुम्बपालु ...४६ १६ तृतीय श्रेणी, पशु-मनुष्य अर्थात् जातिप्रेमी ...४८ २७ चतुर्थ श्रेणी, मनुष्य पदवाच्य-मनुष्य अर्थात् देशभक्त १८ पञ्चम श्रेणी, देव-मनुष्य अर्थात् तत्त्ववेत्ता १६ उपसंहार