Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 01 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
View full book text
________________
प्रज्ञापनासूत्रे णता अपि ५। स्पर्शतः कर्कशस्पर्शपरिणता अपि १, मृदुकस्पर्शपरिणता अपि २, गुरुकस्पर्शपरिणत्ता अपि ३, लघुकस्पर्शपरिणता अपि ४, शीतस्पर्शपरिणता अपि ५, उष्णस्पर्शपरिणता अपि ६, स्निग्धस्पर्शपरिणता अपि ७, रूक्षस्पर्शपरिणता अपि ८ । संस्थानतः परिमण्डलसंस्थानपरिणता अपि १, वृत्तसंस्थानपरिणता अपि २, व्यस्रसंस्थानपरिणता अपि ३, चतुरस्त्रसंस्थानपरिणता अपि ४, आयत संस्थानपरिणता अपि ॥५२॥ रस परिणया वि) आम्लरसपरिणभन वाले भी है (महुररसपरिणयावि) मधुररसपरिणाम वाले भी हैं।
(फासओ) स्पर्श से (कक्खडफास परिणया वि) कर्कश स्पर्श परिणमन वाले भी हैं (मउयफास परिणया चि) मृदु स्पर्श परिणाम चाले भी हैं (गरुयफास परिणया चि) गुरुस्पर्श परिणन वाले भी हैं (लहुय फास परिणया वि) लघुस्पर्श परिणमन वाले भी हैं (सीयफासपरिणया वि) शीतस्पर्श परिणमन वाले भी है (उसिणफास परिणया वि) उष्ण स्पर्श परिणमन वाले भी हैं (णिद्धफास परिणया वि) स्निग्ध स्पर्श परिणमन वाले भी हैं (लुक्खफास परिणया वि) रूक्ष स्पर्श परिणमन वाले भी हैं। ___ (संठाणओ) संस्थान से (परिमंडलसंठाणपरिणया चि) परिमंडल संस्थान परिणमन वाले भी हैं (वसंठाणपरिणयाचि) वृत्तसंस्थान परिणमन वाले भी हैं (ससंठाणपरिणया वि) त्रिकोणसंस्थान परि. णमन चाले भी हैं (चउरंससंठाणपरिणया वि) चौकोर संस्थान परिणमन वाले भी हैं (आययसंठाणपरिणया वि) आयतसंस्थान परिणमन वाले भी हैं। (२०)
(फासओ) २५श थी (कक्खडफासपरिणया वि) ४४४ २५ परिणामी ५७ छ (मउयफासपरिणया वि) भृढ २५ परिणामी ५ छे (गरुयफासपरिणय वि) शु३ २५४ परिणाम vi ५ छ (लहुयफासपरिणया वि) मधु २५श परिणाम पmi ५५ छ (सीयफासपरिणया वि) शीत २५श परिणामी ५५ छ (उसिणफास परिणया वि) SEY २५ परिणामयाज ५४ छ (णिद्धफासपरिणया वि) स्नि५२५श परिमाण ५४ छ (लुक्खफासपरिणया वि) ३६ २५० परिणामवाणां ५५ छ
(संठाणओ) सथानथी (परिमंडलसंठाणपरिणया वि) परिभ3 सस्थान परिणाम quiry डाय छे (वट्टसंठाणपरिणया वि) वृत्तसंस्थान परिणाम पmi पण छ (तंससंठाण परिणया वि) यिो संस्थान परिणाम १mi ५९ छ (चउरंससंठा
परिणया वि) यतु२ स स स्थान परिणाम Mi पाय छ (आययसठाणपरिणया वि) मायत संस्थान परिणाम पाni ५४ छ । (२०) ।
શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૧