Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 01 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
View full book text
________________
प्रमेयबोधिनी टीका प्र,१ सू.६ जीवादीनां वर्णादिना परस्परसंवेधनिरूपणम् ६१ अपि २, व्यत्रसंस्थानपरिणता अपि ३ चतुरस्रसंस्थान परिणता अपि ४, आयत संस्थानपरिणता अपि ५ २० । __ ये वर्णतो हारिद्रवर्णपरिणतास्ते गन्धतः सुरभिगन्धपरिणता अपि १, दुरभिगन्धपरिणता अपि २, रसतस्तिक्तरसपरिणता अपि १, कडुकरसपरिणता अपि २, कषायरसपरिणता अपि ३, अम्लरसपरिणता अपि ४, मधुररसपरिस्पर्श परिणमन वाले भी हैं (लुक्खफासपरिणया वि) रूक्ष स्पर्श परिणमन वाले भी हैं।
(संठाणओ) संस्थान से (परिमंडलसंठाणपरिणया वि) परिमंडल संस्थान परिणमन वाले भी हैं (वसंठाण परिणया वि) वृत्तसंस्थानपरिणमन वाले भी हैं (तंससंठाणपरिणया वि) त्रिकोण संस्थान परिणमनवाले भी हैं (चउरंससंठाण परिणया वि) चौकोर संस्थान परिणाम वाले भी हैं (आययसंठाणपरिणया वि) आयत संस्थान परिणमन वाले भी हैं ॥२०॥ (जे) जो (यण्णओ) वर्ण से (हालिद्दवण्णपरिणया) पीले वर्णपरिणमन वाले हैं (ते) वे (गंधओ) गंध से (सुन्भिगंधपरिणया वि) सुगंधपरिणमन वाले भी है (दुन्मिगंधपरिणया वि) दुर्गध परिणमन वाले भी है।
(रसओ) रस से (तित्तरसपरिणया वि) तिक्तरस परिणमन वाले भी हैं (कडुयरस परिणया वि) कटुक रस परिणमन वाले भी है (कसायरसपरिणया वि) कषाय रस परिणमन वाले भी है (अंबिल वि) २५ २५ परिणाम. avi ५ छ (लुक्खफासपरिणया वि) ३६ २५५ પરિણામ વાળા પણ છે.
(संठाणओ) सथानथी (परिमंडलसंठाणपरिणया वि) परिभ3 संस्थान परिणम व ५ छ (वट्टसंठाणपरिणया वि) वृत्तसंस्थान पशिशाम प ५१ हाय छ. (तंससंठाणपरिणया वि) त्रिी संस्थान परिणाम vi ५५ छ (चउरंससंठाणपरिणया वि) यतुओए सथान. परिणामी ५४ छ (आययसंठाणपरिणया वि) Pायत ain संस्थान परिणाम ini छ । २० ) (जे) ले (वण्णओ) १ थी (हालिदवण्णपरिणया)
पीना परिणाम पाणi ५५ छ (ते) ते (गंधओ) यी (सुब्भिगंव परिणया वि) सुमध परिणाम वाण छ (दुब्मिगंध परिणया वि) हु । परिणाम ami ५४ छे.
(रसओ) २सथी (तित्तरसपरिणया वि) तित २स परिणाम वाणां पण छ (कडुयरसपरिणया वि) ४७१। २४ परिणाम पाणi ५४ (कसायरसपरिणया वि) ४पाय २४ परिणाम पni ५५ छ (अंबिलरसपरिणया वि) माटा २स परिणाम पाni ५ छ (महुररसपरिणया वि) मधु२२२४ परिणाम पा ५ छ
શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૧