Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 01 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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प्रज्ञापनासूत्रे दुरभिगन्धपरिणता अपि २ । रसतस्तिक्तरसपरिणता अपि १, कटुकरसपरिणता अपि २, कषायरसपरिणता अपि ३, अम्लरसपरिणता अपि ४, मधुररसपरिणता अपि ५ । स्पर्शतः कर्कशस्पर्शपरिणता अपि १, मृदुकस्पर्शपरिणता अपि २, गुरुकस्पर्शपरिणता अपि३, लघुकस्पर्शपरिणता अपि४, शीतस्पर्शपरिणता अपि५, उष्णस्पर्शपरिणता अपि ६, स्निग्धस्पर्शपरिणता अपि ७, रूक्षस्पर्शपरिणता अपि ८। संस्थानतः परिमण्डलसंस्थानपरिणता अपि वृत्तसंस्थानपरिणता _ (जे) जो (वण्णओ) वर्ण से (लोहियवण्णपरिणया) लाल वर्णपरिणमन वाले हैं (ते) वे (गंधओ) गंध से (सुन्भिगंधपरिणया वि) सुगंधि परिणमन वाले भी हैं (दुन्भिगंधपरिणया वि) दुर्गन्ध परिणमन वाले भी हैं। ___(रसओ) रस से (तित्तरसपरिणया वि) तिक्त रस परिणमन वाले भी हैं (कडुयरसपरिणया वि) कटुक रस परिणमन वाले भी हैं (कसायरसपरिणया वि) कसाय रस परिणमन वाले भी हैं (अंपिलरसपरिणया वि) आम्ल रस परिणमन वाले भी हैं (महुररसपरिणया वि) मधुर रस परिणमन वाले भी हैं। ___(फासओ) स्पर्श से (कक्खड़फास परिणया वि) कर्कश स्पर्श परिणमन वाले भी हैं (मउयफासपरिणया वि) मृदु स्पर्श परिणमन वाले भी हैं (गुरुयफासपरिणया वि) गुरु स्पर्श परिणमन वाले भी हैं (लहुयफास परिणया वि) लघु स्पर्श परिणमन वाले भी हैं (सीयफासपरिणया वि) शीत स्पर्श परिणमन वाले भी हैं (उसिणफासपरिणया वि) उष्ण स्पर्श परिणमन वाले भी हैं (गिद्धफासपरिणया चि) स्निग्ध (जे) ने (वण्णओ) १tथी (लोहियवण्णपरिणया) सपणु परिणाम पण छ. (ते) ते (गंधओ) अधथी (सुब्भिगंधपरिणया वि) सुगधी परिणामपण ५ छ (दुभिगंधपरिणया वि) हुए परिणाम पण ५y छ
(रसओ) २सथी (तित्तरसपरिणया वि) तित२२ परिणाम पmi ५ छ (कडुयरसपरिणया वि) ४७१।२सना परिणाम ami ५५ छ (कसायरसपरिणया वि) पाय-तु२॥ २७ परिणाम वाण ५४छ (अंबिलरसपरिणया वि) मटारस परिणाम पाणां ५५ (महुररसपरिणया वि) मधु२२२ परिणाम जय ५५४ छ
___ (फासओ) २५५थी (कक्खडफासपरिणया वि) ४४२ २५५ परिणाम पाणi ५४छे (मउयफासपरिणया वि) ओम २५ परिणामi पशु छ (गरुयफासपरिणया वि) शु३ २५ परिणाम पाणां ५ छ (लहुयफासपरिणया वि) वधु २५ परिणाम ५५५ छ (सीयफास परिणया वि) शीत २५० परिणामी ५५ छ (उसिणफासपरिणया वि) BY २५श परिणाम Mi छ (णिद्धफासपरिणया
શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૧