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पंगसाधना। मैं भी आठों मदोंसे रहित पूर्ण निरभिमानी च परम कोमल मार्दव भारका धनी हूं। सिद्ध भगान मायाचारकी यकतासे रहित परम सरल सहज आर्जव गुण धारी हैं, मैं भी कपट-जालसे शुन्य परम निष्कपट सरल आर्जव स्वभाव धारी हूं।
सिद्ध भगवान् असत्यकी वक्रतासे रहित परम सत्य अमिट एक स्वभावधारी है । मैं भी सर्व असत्य कल्पनाओंसे रहित परम-पवित्र सत्य शुद्ध धर्मका धनी हूं | सिद्ध भगवान लोभके मलसे रहित परमपवित्र शौच गुणके धारी हैं; मैं भी सर्व लालसासे शुन्य परम सन्तोपी व परम शुद शौच स्वभावका स्वामी हूं। सिद्ध भगवान् मन व इन्द्रियोंके प्रपंचसे व अद्याभावसे रहित पूर्ण संयम धर्मके धारी हैं, मैं भी मन व इन्द्रियोंकी चञ्चलतासे रहित व परमस्वदयाल पृण परम संवम गुणका धारी हूं। सिद्ध भगवान आपसे ही अपनी स्वानुभूतिकी तपस्याको निरंतर तपते हुए परम तप धर्मके धारी हैं । मैं भी स्वात्माभिमुख होकर अपनी ही स्वात्मरमणताकी अनिमें निरन्तर आपको तपाता हुआ परम इच्छा रहित तप गुणका स्वामी हूं | सिद्ध भगवान परम शांतभावसे पूर्ण होते हुए व परम निर्भयताको धारते हुए विश्व में परम शॉति व अभय दानको विस्तारते हुए परम त्याग धर्मके धारी हैं | मैं भी सर्व विश्वमें चन्द्रमाके समान परम शांत अमृत वर्षाता हुआ व सर्व जीवमात्रको अभय करता हूं, परम त्याग गुणका स्वामी हूं। - सिद्ध भगवान एकाकी निस्पृह निरंजन रहते हुए परम आकिंचन्य धर्मके धारी हैं, मैं भी परम एकांत स्वभावमें रहता हुआ व परके संयोगसे रहित परम आकिंचन्य गुणका स्वामी हूं । सिद्ध भगवाम् परमशील स्वभावमें व अपने ही ब्रह्मभावमें रमण करते हुए परम ब्रह्मचर्य धर्मक धारी है। मैं भी अपने ही शुद्ध शील स्वभावमें