Book Title: Yogasara Tika
Author(s): Yogindudev, Shitalprasad
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia

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Page 374
________________ 364 ] योगसार टीका। वायु कंपके रोगसे, पीड़ित चित्त उदास / योगसार इस ग्रन्थका, भाव लिखनके काज / प्रतिदिन दोहा एकको, नियम किया हित साज॥ 7 // शतक एक अर आठ दिन, पूर्ण भये सुखदाय। मुम्बई क्षेत्र अगासमें, नगर बड़ौदा पाय // 8 // तीन जगहके बासमै, करो सफल यह काम / मुम्बई नगर विशालमें, पूर्ण कियो अभिराम // 9 // अपाढ़ कृष्णा वारसी, मंगल दिवस महान / संक्त उन्निस छानवे, कीयो पूर्ण लिखान // 10 // उलिस उन्चालीसमें, जून त्रयोदश जान / भजन करत परमात्मका, मंगल पढ़ा महान // 11 // मंगल श्री जिनराज है, मंगल सिद्ध महान / साधु सदा मंगल मई, करहु. पापकी हान / / 12 // Ka

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