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जीव-अजीव तत्त्व एवं द्रव्य अब भी उत्तर की ओर बढ़ रहा है। इस पत्रिका ने एवरेस्ट की उत्तरी ढलान के कई चित्र प्रकाशित किए हैं। पत्रिका अनुसार 1966 के बाद एवरेस्ट के आस-पास व्यापक सर्वेक्षण किए गए हैं।'
भारतीय सर्वेक्षण विभाग के अनुसार हिमालय में स्थित केदार नाथ और बदरीनाथ तीर्थ स्थानों की ऊँचाई में गत 70 वर्षों में 106 मीटर की वृद्धि हुई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि हिमालय पर्वत शृङ्खला 100 वर्षों में 10 से.मी. गति से ऊँची हो रही है। शिवालिक पर्वत शृङ्खला की वृद्धि भी इसी गति से हो रही है।
श्री गौरीशंकर ओझा का कथन है कि 'खोज' से यह सिद्ध हो गया है कि जहाँ आज एटलांटिक महासागर है वहाँ किसी समय एक बड़ा महाद्वीप था। उस समय न्यूयार्क से आस्ट्रेलिया तक पैदल आ-जा सकते थे। पीकिंग से स्टाकहोम तक भी इतना गहरा सागर था कि सारे मार्ग को नौका द्वारा पार किया जा सकता था। एक समय वह भी था जब लंदन की ऑक्सफोर्ट स्ट्रीट, रीजेंट स्ट्रीट व हाइड पार्क गहरे जल में निमग्न थे।
रूस के भू-विशेषज्ञ वैज्ञानिक डोकूशेव ने अनुसंधान कर यह प्रमाणित किया है कि मानव वंश के समान ही मृत्तिका व प्रस्तर के स्तर भी जन्मते, बढ़ते व मरते चले जा रहे हैं। यही नहीं वैज्ञानिकों ने अब तक 50 वंशों की मिट्टी के दस हजार कुलों का पता भी लगाया है। यह उपलब्धि जैन दर्शन में वर्णित पृथ्वीकाय की योनियों व कुल कोटियों की संख्या का समर्थन करती है। जैन दर्शन में पृथ्वीकाय की सात लाख योनि व बारह लाख कुल कोटि कही गई है।
1. हिन्दुस्तान दैनिक, 18 अक्टूबर 1974 2. विज्ञानप्रगति, दिसम्बर 1975