Book Title: Vigyan ke Aalok Me Jeev Ajeev Tattva Evam Dravya
Author(s): Kanhaiyalal Lodha
Publisher: Anand Shah

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Page 284
________________ पुद्गल की विशिष्ट पर्यायें 267 दिखाई देना, (2) एक वस्तु के एक से अधिक प्रतिबिम्ब दिखाई देना, (3) वस्तुओं का अदृश्य हो जाना आदि। एक बार एक यात्री अरब के रेगिस्तान में बगदाद से बेबीलोन आ रहा था। उसे दोपहर में दिखाई पड़ा कि पास में ही कुआँ है और उसके आस-पास खजूर के पेड़ खड़े हैं। वह चलता हुआ गया परंतु तीस मील चलने पर उस स्थान पर पहुंचा। सिसली द्वीप और इटली के मध्य में स्थित मैसानी जल-डमरू में कभी तो आकाश में, कभी जल पर घर, महल, सड़कें, वृक्ष, मानव दिखाई देते हैं। वहाँ के निवास इस मृग-मरीचिका को फाता मोरगाना कहते हैं। __ आज से पौने दो सौ वर्ष पूर्व एक दिन इंगलैण्ड में दक्षिणी समुद्र तट के लोगों ने देखा कि वहाँ से पचास मील दूर स्थित फ्रांसीसी समुद्र तट की लंबी पट्टी उनके तट के ऊपर के आकाश में दिखाई दे रही है। उस समय फ्रांसीसी तट पर जो वस्तुएँ थीं, वे सब की सब उसी रूप में वहाँ तीन घण्टे तक दिखाई दीं। उत्तरी व दक्षिणी ध्रुवों में वहाँ से सैकड़ों मील दूर स्थित नगर, पर्वत, जहाजों के प्रतिबिम्ब स्पष्ट दिखाई देते हैं। __सुमात्रा में एक कुँआ है। उसमें कोई झाँकता है तो उसे दो प्रतिबिम्ब दिखाई देते हैं। एक तो झाँकने वाले का अपना और दूसरा किसी अन्य व्यक्ति का। यह अपरिचित व्यक्ति कौन है। यह रहस्य अभी तक भी नहीं खुला है। इसी प्रकार इंगलैण्ड के लंकाशायर नगर में एक दुकान पर लगे दर्पण में दो प्रतिबिम्ब एक साथ दिखाई पड़े। एक तो देखने वाले व्यक्ति का और दूसरा एक स्त्री का, जो अपने बच्चे को गोद में लिए

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