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जीव-अजीव तत्त्व एवं द्रव्य वैज्ञानिक हिरण्यमय बोस का कथन है-“जैसे जीवित (चलते-फिरते) प्राणी परिश्रम के बाद रात में सोकर थकावट दूर करते हैं वैसे ही पेड़पौधे भी रात को सोते हैं।"
मद्रास में खजूर का एक ऐसा वृक्ष है जो मध्य रात में ऊँघकर गिरने लगता है और दोपहर तक सोता है। मध्याह्न के बाद फिर खड़ा होने लगता है और आधी रात तक पूर्ण रूपेण खड़ा हो जाता है।
संस्थान-जैनागमों में वनस्पतिकाय को अनेक प्रकार के संस्थान (आकार) वाली कहा है, यथा
'अणित्यंत्थसंठिया' -जीवाभिगम प्रथम प्रतिपत्ति, सूत्र 17
इन अनेकविध संस्थानों में एक वामन भी है। मनुष्य के समान वनस्पतियों में भी कुछ पौधे बौने होते हैं। जापान के एक उद्यान में एक विशेष प्रकार के बेर का पेड़ लगा है जो पाँच सौ वर्ष पुराना होने पर भी केवल 3 फुट ऊँचा है। यह वृक्ष एक बड़े गमले में उगाया गया है।' अमेरिका के न्यूयार्क नगर में दूसरे प्रेसिडेन्ट मि. जॉन एडम की स्त्री ने 146 वर्ष पूर्व अपने ही ग्राम में गुलाब का पौधा लगाया था जो अब तक फूल देता है।
ऊँचाई-जैनागमों में वनस्पति का वर्णन करते हुए कहा गया है कि उच्चतम वनस्पति सागर में उत्पन्न होती है। आज के वनस्पति वैज्ञानिक भी उसी तथ्य को प्रस्तुत करते हैं। उनके कल्पनानुसार स्थल पर सबसे ऊँचा वनस्पति यूकलिप्टस का वृक्ष है जिसकी अधिक ऊँचाई 500 फुट देखी गई है जबकि दक्षिणी अमरीका के सागर में पायी जाने वाली एक विशेष प्रकार की घास 600 फुट से भी अधिक ऊँची होती है। 1. साप्ताहिक हिन्दुस्तान, 17 जून 1962