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पुद्गल द्रव्य
201 (67) होमियम, (68) एर्बियम, (69) यूलियम, (70) उतेर्वियम, (71) लुतेसियम, (72) हाफनियम, (73) तन्तालुम, (74) तुड़स्तेन, (75) रहेनियम, (76) ओसमियम, (77) हरिडियम, (78) प्लाटिनम, (79) सोना (80) पारा (81) थलियम, (82) सीसा, (83) विस्मथ, (84) प्लोमियम, (85) अस्टेटिन, (86) रडोन, (87) फ्रांसियम, (88) रेडियम, (89) अक्टीनियम्, (90) प्रोटो अक्टीनियम, (91) थोरियम, (92) यूरेनियम, (93) नेप्चूनियम, (94) प्लूटोनियम, (95) अमेरिसियम, (96) क्यूरियम, (97) बर्केलियम, (98) कैलीफोर्नियम, (99) आइंस्टोनियम, (100) फरमियम, (101) नोबेलियम, (102) लेवेरिशियम, (103) हेफ्जियम। इन तत्त्वों की संख्या में वृद्धि होती जा रही है। अभी एक नये तत्त्व का पता चला है। जिसका नाम प्रोमीथियम (Promethium) है। इसके विषय में वैज्ञानिकों का मत इस प्रकार है
प्रोमीथियम् वह दुष्प्राप्य पदार्थ है जिसकी मात्र उपस्थिति ही परमाणु भंजन की क्रिया के अन्तर्गत खोजी गई है। अभी तक यह प्राप्त नहीं किया जा सकता है। प्लोटोनियम्, थोरियम् और यूरेनियम् के विघटन में यह विशेष रूप से विद्यमान रहता है। अनुमान है कि इस पदार्थ का मूल्य प्रति ग्राम दो खरब रुपया होना चाहिये। आप प्रोमीथियम के मूल्य का अनुमान इसी से लगा सकते हैं कि इसकी केवल एक तौला मात्रा का मूल्य लगभग पच्चीस खरब रुपये होता है। जिसका एक प्रतिशत मासिक दर ब्याज एक वर्ष में 3 खरब रुपये होता है।
विज्ञान के उपर्युक्त तात्त्विक वर्गीकरण की मान्यता में बड़ा परिवर्तन हो गया है। अब इनमें से कोई भी मौलिक तत्त्व नहीं माना जाता है। अब सारे ही तत्त्व 'विद्युत्' की देन सिद्ध हो गये हैं। विद्युत् ही सब