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जीव-अजीव तत्त्व एवं द्रव्य यह कार्क और खूखेडी से भी हल्की होती है तथा पानी व तेल पर तैरती है बल्कि विस्फोट कर प्रतिक्रिया करती रहती है। इसके हल्केपन का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि जहाँ एक घन फुट अलमुनियम का भार 169 पौंड होता है वहाँ एक घनफुट लीथियम का भार केवल 33 पौण्ड होता है। दूसरी ओर ऐसे भारी पदार्थ भी विद्यमान है जो पारा, सोना आदि से भी सैंकड़ो-हजारों गुना भारी होते हैं। क्वासर नक्षत्रों की भूमि के एक घन इंच का भार सैकड़ों टन आंका जाता है। विज्ञान के क्षेत्र में हल्कापन व भारी को द्रव्यमान (Mass) या संहति कहा जाता है और सभी पदार्थों में भार या संहति होती ही है, स्वीकार किया गया है।
कोमलता और कठोरता-द्रव्यमान युक्त पदार्थों में कोमलता या कठोरता भी प्रत्यक्ष देखी जाती है। अतः जहाँ हल्कापन-भारीपन है वहाँ कोमलता-कठोरता भी होती ही है। कोमलता-कठोरता का संबंध विज्ञानजगत् में जिसे घर्षण बल कहा जाता है, उससे भी जोड़ा जा सकता है परंतु यह विद्वानों के लिए खोज का विषय है।
शीतलता और उष्णता-शीत-उष्ण को विज्ञान की भाषा में तापमान कहा जाता है। तापमान भी पदार्थ मात्र में पाया जाता है। पदार्थों का जमना, उबलना या ठोस, द्रव, गैस रूप धारण करना सब तापमान पर ही निर्भर है। तापमान शून्य से करोड़ों डिग्री ऊपर व सैंकड़ों डिग्री नीचे तक पाया जाता है।
स्निग्धता-रूक्षता-स्निग्ध-रूक्ष गुण का वर्णन पहले बंध प्रकरण में परमाणु को लेकर किया गया है। परंतु पद्गल-स्कंध में इसका दूसरा रूप भी पाया जाता है। वह है गुरुत्वाकर्षण शक्ति या चुम्बकीय शक्ति। इसी शक्ति से अणु परस्पर मिलकर जुड़े रहते हैं। वैज्ञानिकों का कथन है कि