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जीव-अजीव तत्त्व एवं द्रव्य अर्थात् (1) अति स्थूल (2) स्थूल (3) स्थूल-सूक्ष्म (4) सूक्ष्मस्थूल (5) सूक्ष्म (6) अति सूक्ष्म ये स्कंध के छह भेद हैं।
स्कंधों का यह वर्गीकरण इतना वैज्ञानिक है कि इसे पढ़कर आधुनिक विज्ञानवेत्ता भी दाँतों तले उंगली दबाते हैं। इस वर्गीकरण का यहाँ कुंदकुंदाचार्य द्वारा प्रतिपादित उदाहरण सहित विवेचन किया जा रहा है
भूपव्वदमादीया भणिदा अइथूलथूलमिदि खंधा। थूला इदि विण्णेया सप्पीजलतेल्ल मादीया।। छायायातावमादीया थूलेदरखंधमिदि वियाणाहि। सुहुमथूले दि भणिया खंधा चउरक्खबिसया य॥ सुहुमा हवन्ति खंधा पाओग्गा कम्मवग्गणस्स पुणो। तन्विवरीया खंधा अइसुहुमा इति परवें दि।।
-नियमसार, 22-24 इस विवेचन का सारांश इस प्रकार है
अति-स्थूल (solids)-जिस पुद्गल स्कंध का छेदन-भेदन तथा अन्यत्र वहन सामान्य रूप से न हो सके, ऐसे ठोस पदार्थ इस वर्ग में आते हैं जैसे भूमि, पर्वत आदि।
स्थूल (Liquids)-जिस पुद्गल स्कंध का छेदन-भेदन न हो सके किंतु अन्यत्र वहन हो सके, ऐसे द्रव्य पदार्थ इस वर्ग में आते हैं जैसे जल, तेल, घृत आदि।
स्थूल-सूक्ष्म (Visible Energies)-जिस पुद्गल स्कंध का छेदन-भेदन व अन्यत्र वहन आदि कुछ भी न हो सके, ऐसे नेत्र से दृश्यमान पदार्थ व प्रकाश ऊर्जा इस वर्ग में आते हैं जैसे छाया, आतप, प्रकाश आदि।