Book Title: Vigyan ke Aalok Me Jeev Ajeev Tattva Evam Dravya
Author(s): Kanhaiyalal Lodha
Publisher: Anand Shah

View full book text
Previous | Next

Page 236
________________ 219 पुद्गल द्रव्य + H,So, = ZNSO, + H, अर्थात् सल्फरिकएसिड जिन्कऑक्साइड पर पड़ता है तब जो रासायनिक पदार्थ बनते हैं वे हैं जिन्क सल्फेट और पानी। दोनों ओर पदार्थों का सम्पूर्ण आण्विक भार एक ही होगा। केवल दाहिने और बाँये कुछ पदार्थों के आकार रूप स्थान-मात्र बदल जायेंगे। अत: उनके भिन्न नाम भी होंगे। वह पदार्थ, जिसने इन वस्तुओं को रूप और नाम प्रदान किया अक्षुण्ण रहेगा। आधुनिक विज्ञान ने हमें यह बतलाया है कि न तो पदार्थ की रचना की जा सकती है और न इसका विनाश ही संभव है। परमाणु का कितना भार कितनी शक्ति के रूप में परिणत होता है उसे समझने के लिए उद्जन बम की निर्माण क्रिया को लेते हैं। उद्जन बम परमाणुओं के संयोग का परिणाम है। इसमें हाइड्रोजन के परमाणु को हीलियम के परमाणु में बदला जाता है। हाइड्रोजन पहला मौलिक तत्त्व है और हीलियम दूसरा। हाइड्रोजन के एक परमाणु का तौल 1.008 ग्राम होता है अत: चार परमाणुओं का तौल 4.032 हुआ। किंतु हीलियम परमाणु का तौल लगभग 4 ही रह जाता है। इसका तात्पर्य यह होता है कि हाइड्रोजन परमाणु से हीलियम परमाणु बनने में .032 अर्थात् 1.30 भाग शक्ति के रूप में बदल जाता है। उस शक्ति को ताप के रूप में लें तो समझना चाहिये एक हाइड्रोजन के परमाणु से एक हीलियम के परमाणु बनने में जो ताप उत्पन्न होता है वह 2,700 मन कोयले के जलने से उत्पन्न ताप के बराबर होता है। उसी ताप शक्ति का समुदायीकरण हाइड्रोजन बम्ब है। 1. जैन भारती, 21 मार्च 1965, पृष्ठ 20 1. ज्ञानोदय विज्ञान अंक, पृष्ठ 136

Loading...

Page Navigation
1 ... 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315