________________
232
जीव-अजीव तत्त्व एवं द्रव्य तो मानसिक परेशानी के कारण उसके सिर में दर्द हो सकता है। गहरे व चमकीले लाल रंग के कारण आँखों में तनाव-थकान होती है।
वर्ण का मानव-मन पर प्रभाव-रंग मानव के मन को कितने प्रभावित करते हैं, यह इस उदाहरण से स्पष्ट हो जाता है कि एक कम्पनी के कर्मचारी शौचालय तथा गुसलखाने में जाते तो बहुत अधिक समय तक वहाँ ठहरकर वापस लौटते थे। इससे कम्पनी के कार्य को बड़ा हर्ज हो रहा था। कम्पनी का स्वामी यह जानने के लिए बड़ा परेशान था कि क्या कारण है कि कर्मचारी शौचालय से इतना प्रेम करते हैं। उसने निदान हेतु एक विशेषज्ञ बुलाया। विशेषज्ञ ने उन स्थानों को पैनी दृष्टि से देखा और कम्पनी के मालिक को सामान्य-सा सुझाव देकर चला गया। मालिक ने उसके सुझाव को कार्यान्वित किया। इसका जादू का सा प्रभाव पड़ा। अब कोई कर्मचारी शौचालय या गुसलखाने में जाते तो कम-से-कम समय ठहर कर यथाशीघ्र लौट आते थे। मालिक ने विशेषज्ञ के सुझाव के अनुसार केवल इतना-सा किया था कि शौचालय की दीवारे हल्के नीले रंग की थी उन्हें गहरे हरे रंग से पुताव दिया था। यह रंग आँखों को अखरने लग गया था। गंध : मूल गुण
जैनागम में पुद्गल के चार परिणाम कहे गये हैं। उनमें दूसरा परिणाम गंध है। यह भी पुद्गल का मूलभूत गुण (Fundamental property) है, जिसका प्रभाव नासिका पर लक्षित होता है और मस्तिष्क में भली-बुरी गंध का बोध कराता है।
सूंघने की प्रक्रिया-गंध के स्वरूप को समझने के लिए सूंघने की प्रक्रिया को समझना आवश्यक है। सूंघने का कार्य नासिका से होता है।