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जीव-अजीव तत्त्व एवं द्रव्य
बया पक्षी पेड़ की शाखा पर उलटा लटकता घर बनाकर उसमें अण्डों व बच्चों को रखता है, फिर भी वे नीचे नहीं गिरते हैं, यह आश्चर्य की बात है। परंतु इससे अधिक आश्चर्य की बात कन्हैया नाम की काली चिड़िया के घर बनाने की कला है। यह चिड़िया अपना घर छत के नीचे वाले अधर भाग पर मिट्टी से बनाती है, तिनके व धागे से किंचित् भी जुड़ा न होने पर भी मिट्टी के इस घर का नीचे न गिरना बड़ी विचित्र बात है।
ह्वेल मछली अपनी साथ मछलियों की सेवा-सुश्रुषा पारिवारिक जनों के रूप में करती है।
ध्रुव प्रदेश पर रहने वाले पेंगुइन नरपक्षी दो माह तक कुछ भी खाये-पीये बिना अण्डों व बच्चों की देखभाल करते हैं।
नेवला विषैले सर्प के काटे जाने पर एक विशेष प्रकार की जड़ी को चबाता है, जिसके प्रभाव से वह विषमुक्त हो जाता है।
इसी प्रकार जैनदर्शन में वर्णित्र त्रसकाय जीवों में अन्य विशेषताओं को भी प्रस्तुत किया जा सकता है परंतु ग्रन्थ विस्तार के भय से यहाँ पर विराम दिया जा रहा है।
विशेष जानकारी हेतु “मुनि श्री हजारीमल स्मृति ग्रंथ" पुस्तक में "जैनदर्शन और विज्ञान" लेख पृष्ठ संख्या 335 पर देखा जाना चाहिये। स्थावर एवं त्रस जीवों के उद्योत नाम कर्म की चर्चा यहाँ की जा रही है। उद्योत नाम कर्म
___कर्म की 122 उदीयमान प्रकृतियों में से तिर्यंच गति में 107 प्रकृतियों का उदय माना है, उनमें उद्योत नाम कर्म प्रकृति भी है, जिसका