________________
वनस्पति में संवेदनशीलता ने अपना शोक व्यक्त किया। इससे दोनों बातें सामने आ गई कि पौधा भी सजीव है और अंडा भी सजीव है। हत्यारों को पहचानना
एक प्रयोग में वेक्स्टर ने दो पौधे रखे। जिनको पोलीग्राफ से जोड़ दिया। फिर उसने 6 व्यक्तियों को बुलाया और 6 पर्चियाँ हेट में डाली। प्रत्येक व्यक्ति को एक-एक पर्ची उठाने को कहा। उनमें से एक पर्ची में लिखा कि-“कमरे में रखे दो पौधों में से किसी को चुपचाप पूर्णत: नष्ट कर दो।" जिस व्यक्ति के पास वह पर्ची गई उस व्यक्ति ने अवसर पाकर अकेले में एक पौधे की हत्या कर दी। इस हत्या का साक्षी दूसरे पौधे के अतिरिक्त अन्य कोई नहीं था। तीन दिन पश्चात् उस बचे रहे पौधे के सामने से उन 6 व्यक्तियों को निकाला गया तो जैसे ही वह हत्यारा व्यक्ति पौधे के सामने आया, गेल्वेनोमीटर की सुई तीव्रता से गति करने लगी। जो इस बात की द्योतक थी कि पौधे ने उस हत्यारे को पहचान लिया है और अपनी हत्या की आशंका से काँपने लगा है।
प्रो. इवानेइसीदोरो विचगुनार ने अपने प्रयोगों से सिद्ध किया कि पौधों में एक विशेष प्रकार का नाड़ी संस्थान होता है, जो संवेदना के संदेशों का आदान-प्रदान करता है।
रूसी वैज्ञानिक अब्रामपयोदोरोविव इयोफ ने एक फलीदार पौधे को यान्त्रिक मस्तिष्क के साथ जोड़ दिया। उस पौधे पर प्रकाश डाला जाता या पानी दिया जाता, तो पौधा प्रकाश व पानी की कब और कितनी आवश्यकता है, यह बता देता। सन् 1972 में रूस के मनोवैज्ञानिक 'पशुकिन' ने एक अन्य प्रयोग किया। उसने तान्या नाम वाली युवती को सम्मोहित किया। फिर उससे प्रशंसा व खेद पैदा करने वाले प्रश्न किए।