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वनस्पति में संवेदनशीलता
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अखरोट, बादाम, सेम, मटर के पौधे भी अपनी संतान के लिए पौष्टिक खाद्य सामग्री संग्रह कर पैतृक संपत्ति के रूप में अपने बीज में छोड़ जाते हैं। यह पैतृक धन छिलके के नीचे सुरक्षित रहता है। एक भी फूलने वाला पौधा ऐसा नहीं है जो अपने बच्चे के लिए बीज रूप में पर्याप्त भोजन सामग्री इकट्ठी न कर लेता हो । '
तने में खाद्य पदार्थ संग्रह करने वाली वनस्पतियों के अनेक प्रकार हैं, यथा-(1) वुलविल्स - रतालु, अन्ननास, रामबाँस आदि (2) राइजोम - अदरख, हल्दी आदि (3) घुइयाँ- बंडा, जमीकंद, धनकंद आदि (4) ट्यूबर-आलू, सतावर, डेहलिया आदि । ये पौधे अपने तने में विभिन्न प्रकार से भोजन सामग्री संचय करते हैं। इनके तने भूमि के अंतर्गत जड़ रूप में रहते हैं।
पत्तियों में भोजन सामग्री संग्रह करने वाली वनस्पतियों में प्याज, बंदगोभी आदि हैं। अनेक जाति के पौधों की पुरानी पत्तियाँ झड़ने के पूर्व ही नवीन पत्ती पैदा करने वाली कली में वह सब सामग्री संग्रह करके रखती हैं, जिसका समय आने पर पत्ती उपयोग कर अपने को विकसित कर सके।
फूलों में भोजन - सामग्री संग्रह करने वाली वनस्पतियों में नागफनी जाति के काँटेदार पौधे मुख्य हैं।
मनुष्यों की ही भाँति कुछ पौधे सुरक्षा की दृष्टि से अपनी संग्रहीत संपत्ति को भूमि में छिपा देते हैं। गाजर, मूली, शलजम, शकरकंद आदि इस प्रकार की वनस्पतियाँ हैं । वस्तुतः उनका भूमिगत भाग उनकी जड़ न होकर तना ही होता है। उन पर आँखें होती हैं। वे उनके बीज व संतानें
1. नवनीत, अप्रैल 1952, पृष्ठ 26